HOW TO GET STATIC IP ADDRESS FREE

नमस्कार दोस्तों,

स्टेटिक आईपी एड्रेस के बारे में आप जानते होगें? या इसके बारे में आपने कहीं ना कहीं सुना जरूर होगा।

स्टेटिक आईपी एड्रेस को समझने से पहले जानते है कि आईपी एड्रेस क्या होता है?

आईपी एड्रेस

IP Address एक अद्वितीय संख्या है जो TCP / IP नेटवर्क पर प्रत्येक डिवाइस को दी जाती है। जैसे हमारे घर का पता लोगों को यह बताता है कि आपका कार्ड कहां भेजा जाए, वैसी ही IP Address कंप्यूटर और उपकरणों की पहचान करते हैं और उन्हें एक-दूसरे के साथ संवाद करने की सुविधा प्रदान करते हैं।

स्टेटिक आईपी एड्रेस क्या है?

जब हमारी डिवाइस इन्टरनेट से कनेक्ट होती है तो उसे एक आईपी एड्रेस प्रदान की जाती है। इन्टरनेट जब तक डिस्कनेक्ट नहीं होता है जब तक ही रहता है। जैसे ही इन्टरनेट को डिस्कनेक्ट कर के वापस कनेक्ट करते है यह आईपी एड्रेस बदल जाता है।

ऐसा आईपी एड्रेस जो इन्टरनेट के डिस्कनेक्ट होने पर भी नहीं बदलता है और स्थाई रहता है उसे स्टेटिक आईपी एड्रेस कहते है। यह कभी नहीं बदलता है। स्टेटिक आईपी एड्रेस आमतौर पर सर्वर या अन्य महत्वपूर्ण उपकरणों द्वारा उपयोग किए जाते हैं।

स्टेटिक आईपी एड्रेस इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (ISPs) द्वारा आवंटिक किया जाता है। इसके लिए आपके अपने ISP (Internet service provider) से सम्पर्क करना पड़ेगा। सेवा अनुबंध के आधार पर आपको एक स्टेटिक आईपी एड्रेस आवंटित कर सकता है या नहीं कर सकता है।

स्टेटिक आईपी एड्रेस IPv4 या IPv6 दोनों प्रकार के हो सकते है। अभी ज्यादातर स्टेटिक आईपी एड्रेस के लिए IPv4 का उपयोग होता है।

डायनेमिक आईपी एड्रेस क्या है?

डायनेमिक आईपी एड्रेस परिवर्तन होते रहते हैं। डायनामिक होस्ट कॉन्फिगरेशन प्रोटोकॉल (DHCP) सर्वरों द्वारा आवश्यकतानुसार डायनामिक पते असाइन किए जाते हैं। डायनेमिक आईपी एड्रेस हमें राउटर द्वारा प्रदान किये जाते है। यह आईपी एड्रेस IPv4 या IPv6 दोनों प्रकार के हो सकते है।

उदाहरण के लिए, एक होटल में संभवतः एक स्टेटिक आईपी एड्रेस है, लेकिन इसके कमरों के भीतर प्रत्येक व्यक्तिगत डिवाइस में एक डायनेमिक आईपी एड्रेस होगा। जो डिवाइस के डिस्कनेक्ट होने पर वह आईपी एड्रेस किसी ओर डिवाइस को दिया जा सकता है। डायनेमिक आईपी उपभोक्ता उपकरणों के लिए और उनके द्वारा उपयोग किया जाने वाला मानक है।

स्टेटिक आईपी एड्रेस का उपयोग करने के फायदे और नुकसान दोनो है।

स्टेटिक आईपी एड्रेस के फायदे

बेहतर DNS सपोट: स्टेटिक आईपी एड्रेस को DNS (Domain Name System) सर्वर के साथ सेटअप और मैनेज करना ज्यादा आसान है।

सर्वर होस्टिंग: यदि आप एक वेब सर्वर, ईमेल सर्वर या किसी अन्य प्रकार के सर्वर की मेजबानी कर रहे हैं, तो एक स्टेटिक आईपी एड्रेस होना ग्राहकों के लिए क्छै के माध्यम से आपके सर्वर को ढूंढना आसान बनाता है। व्यावहारिक रूप से बोलने का मतलब है कि ग्राहकों के पास आपकी वेबसाइट और सेवाएं तेजी से पहुंचती है अगर आपके पास स्टेटिक आईपी एड्रेस है।

सुविधाजनक रिमोट एक्सेस: स्टेटिक आईपी एड्रेस एक वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) या अन्य रिमोट एक्सेस प्रोग्राम का उपयोग करके दूरस्थ रूप से काम करना आसान बनाता है।

अधिक विश्वसनीय संचार: स्टेटिक आईपी एड्रेस टेलीकाँफ्रेंसिंग या अन्य आवाज और वीडियो संचार के लिए वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी) का उपयोग करना आसान बनाते हैं।

अधिक विश्वसनीय भू-स्थान सेवाएँ: स्टेटिक आईपी एड्रेस के साथ, सेवाएँ IP एड्रेस को उसके भौतिक स्थान के साथ मिला सकती हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप स्टेटिक आईपी एड्रेस के साथ स्थानीय मौसम सेवा का उपयोग करते हैं, तो आपको अगले शहर के लिए मौसम रिपोर्ट प्राप्त करने की अधिक संभावना है।

स्टेटिक आईपी एड्रेस के नुकसान

स्टेटिक आईपी एड्रेस सभी स्थितियों के लिए आदर्श नहीं है।

उच्च लागत: आम तौर पर स्टेटिक आईपी एड्रेस बहुत मंहगे होते हैं।

स्टेटिक आईपी अधिक हैक करने योग्य होते हैं: एक स्थिर आईपी पते के साथ, हैकर्स को ठीक से पता होता है कि आपका सर्वर इंटरनेट पर कहां है। इससे उन पर हमला करने में आसानी होती है।

वास्तविक-विश्व सुरक्षा संबंधी चिंताएँ: सही नेटवर्क टूल वाला कोई भी व्यक्ति यह पता सकता है कि आप और आपका कंप्यूटर कहाँ पर स्थित हैं।

स्टेटिक आईपी एड्र्रेस के लिए वीपीएन का भी उपयोग किया जा सकता है। फ्री वीपीएन स्टेटिक आईपी की सुविधा नहीं देते है और पेड वीपीएन बहुत मंहगे होते है।

RAT और RDP में इसका उपयोग ज्यादा होता है। जब भी आप RAT का पेलोड बनाकर, क्लाईंट का भेजने के बाद, उसे क्लाईंट जैसे ही इंस्टाल करता है उसका पूरा सिस्टम हमारे हाथ में आ जाता है। लेकिन जब हम राउटर या ISP को रिस्टार्ट या ओफ करके वापस चालू करते है तो RAT का कनेक्शन नहीं बनता है। क्योंकि राउटर या ISP को रिस्टार्ट होने की वजह से हमारा आईपी एड्रेस बदल जाता है। इस वजह से हैकर्स स्टेटिक आईपी और Dynamic DNS (DDNS) का उपयोग करते है। जिससे की आईपी बदल भी जाये तो कनेक्शन बना रहे।

Free Dynamic DNS

केबल कनेक्शन वाले मोडम/राउटर सिंगल आईपी का उपयोग करते है। यानि पब्लिक आईपी ही होती है। मोबाईल फोन और मोबाईल मोडम दो प्रकार की आईपी का उपयोग करते है। इनमें इन्टरनेल और पब्लिक आईपी अलग-अलग होती है। अगर आपके राउटर/मोडम में दो प्रकार की आईपी तो आपको DDNS में इन्टरनेल आईपी उपयोग करना होगा। राउटर/मोडम में लाॅगिन करने पर होम पेज पर आपको इन्टरनेल आईपी दिख जायेगी। पिंग कमाण्ड का उपयोग करके आप चैक भी कर सकते है।

इन सभी साईट के कलाईंट लगभग सभी ओएस के लिए उपलब्ध है। आप डाउनलोड कर सकते है। जब भी आप अपने सिस्टम को रिस्टार्ट करगें तो आईपी ओटो अपडेट हो जायेगी। मोबाईल फोन और मोबाईल मोडम की आईपी ओटो अपडेट नहीं होगी। आपको मैनुअल इन्टरनल आईपी को अपडेट करनी पडे़गी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!